पृष्ठभूमि
विभिन्न शिल्पों और पाक कला कौशल में भारत की विशेषज्ञता हमारे प्राचीन और समसामयिक साहित्य में वर्णित है और यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि यह देश के दूर-दराज के स्थानों पर अभी भी मौजूद हैं। इसके अतिरिक्त वैश्विकरण के पश्चात भारत ने अपने श्रेष्ठ विशेष रूप से वेब डिजाइनिंग, ग्राफिक डिजाइन प्रौद्योगिकी, व्यवसाय के लिए सूचना प्रौद्योगिकी सॉफ्टवेयर समाधान, मोबाइल रोबोटिक्स आदि जैसे सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी कौशल भी विकसित किए हैं। भारत को विश्व की ‘’कौशल राजधानी’’ बनाने के लिए विश्वभर में विभिन्न कौशलों में देश की विशेषज्ञता को प्रदर्शित करना अनिवार्य है। देश के दूर-दराज के भागों में इन प्रतियोगिताओं को शुरू करना और इन प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए भारतीय युवाओं को प्रोत्साहित करने हेतु तथा विश्व कौशल और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए और इनमें चुने जाने के लिए राज्य और क्षेत्रीय स्तर पर भारत कौशल प्रतियोगिताओं का पहली बार आयोजन किया गया है, जिससे भारत राष्ट्रीय कौशल 2018 तक पहुंच गया।
लक्ष्य और उद्देश्य:
- विश्व कौशल प्रतियोगिताओं के लिए भारत के मेधावी युवा तैयार करने के लिए पारदर्शी और व्यवस्थित प्रणाली तैयार करना।
- देश के दूर-दराज के भागों के लिए भारत कौशल और विश्व-कौशल प्रतियोगिता के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना और जानकारी प्रदान करना।
- भारत के स्थानीय घरेलू/कौशल सेट्स जैसे कि मिट्टी के बर्तनों, चिकनकारी, कढ़ाई, पेंटिंग और अनेक अन्य को पुनर्जीवित करना।
- भारतीय युवाओं को अपने कौशल का दोहन करने के लिए प्रोत्साहित करना।
- भारतीय युवाओं में कौशल को आकांक्षात्मक बनाना और पुरस्कृत करना जिससे उनमें गर्व और उपलब्धि की भावना का सृजन हो।
- इस प्रक्रिया में राज्यों को शामिल करके कौशल विकास की प्रक्रिया का विकेंद्रीकरण करना;
- स्कीम/परियोजना कार्यान्वयन योजनाओं के आधार पर राज्यों को वित्तीय सहायता प्रदान करना।
- ऐसी प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए पर्याप्त बुनियादी ढाँचा और क्षमता का सृजन करना।
- भारत के कौशल को दुनिया के सामने अधिक व्यवस्थित और संगठित तरीके से प्रदर्शित करना।
भारत कौशल 2018 प्रतियोगिताओं में विभिन्न लक्ष्य हासिल किए गए जिनमें से कुछ विशेष इस प्रकार हैं:
- पंजीकरण: प्रतियोगिताओं के लिए एमएसडीई और राज्य/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा समाचार पत्र, रेडियों, सोशल मीडिया और सीधी पहुंच के माध्यम से पंजीकरण किया गया था। भारत कौशल 2016 की तुलना में पंजीकरण में दस गुना की वृद्धि हुई। देशभर से 50,000 से अधिक पंजीकरण प्राप्त हुए और 500 संस्थानों, जिला, प्रादेशिक राज्य, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर 50 विभिन्न ट्रेडों में प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया था।
- ट्रेडों की संख्या: 2016 में 26 ट्रेड थे जबकि 2018 में 4 प्रदर्शन ट्रेडों सहित ट्रेडों की संख्या को बढ़ाकर 50 कर दिया गया है। परम्परागत ट्रेडों को शुरू करने और परम्परागत ट्रेडों में प्रतियोगिताएं आयोजित करने में भी राज्यों को प्रोत्साहित किया गया है।
- राज्य प्रतिभागिता: देशभर में प्रतिभा की पहचान और उसे प्रशिक्षित करने के लिए जागरूकता उत्पन्न करने और एक मंच प्रदान करने तथा प्रशिक्षण की व्यवस्था करने के लिए उद्योग लीडरों शैक्षिक संस्थानों आईटीआई पॉलीटेक्निकों, टूल रूमों के साथ मिलकर पहली बार उत्तर मे जम्मू और कश्मीर से दक्षिण के केरल तक और पश्चिम में गुजरात से पूर्व में नागालैंड तक के 23 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में मिलकर काम किया। राज्यों, आयोजकों, प्रशिक्षकों और संस्थानों के क्षमता निर्माण के प्रयोजन से 150 से अधिक तकनीकी कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। इस स्कीम के भाग के रूप में राज्य स्तरीय और जिला स्तरीय कौशल प्रतियोगिताओं का आयोजन करने के लिए 20 राज्यों को 50 लाख रूपए का अनुदान दिया गया।
- दिव्यांगों के लिए कौशल प्रतियोगिताओं के लिए सहायता: भारत कौशल प्रतियोगिताएं पहली समावेशी कौशल प्रतियोगिता बन गई है, जिसमें भारत राष्ट्रीय दिव्यांग संघ (एनएएआई) की भागीदारी से 10 ट्रेडों में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए कौशल आधारित प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। एमएसडीई ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए दिव्यांगों की कौशल प्रतियोगिताएं आयोजित करने के लिए एनएसडीसी के माध्यम से एनएएआई को आंशिक निधियां प्रदान की हैं। विजेताओं को उनकी एबी निंपिक्स 2020 में भागीदारी के लिए और प्रशिक्षित किया जाएगा, जो कौशलों में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए ओलम्पिक्स के समकक्ष है। दिव्यांग व्यक्तियों के लिए कौशल प्रतियोगिताएं न केवल दिव्यांग व्यक्तियों की प्रतिभा को पहचानता है बल्कि दिव्यांग व्यक्तियों के क्रियाशील कौशलों के बारे में समाज में जागरूकता भी उत्पन्न करते हैं।
- क्षेत्र कौशल परिषदें: 19 एसएससी को ज्ञान भागीदारों के रूप में कार्य करने और कौशल प्रतियोगिताओं का आयोजन करने में मदद करने का कार्य सौंपा गया है। वे उद्योग और शैक्षिक संस्थानों की सहायता ले रहे हैं।
- क्षेत्रीय कौशल प्रतियोगिताएं: पहली बार 4 क्षेत्रीय प्रतियोगिताएं जयपुर (पश्चिम), लखनऊ (उत्तर), भुवनेश्वर (पूर्व) और बैंगलुरू (दक्षिण) में 46 विश्व कौशल ट्रेडों में आयोजित की गई थीं। इन क्षेत्रीय प्रतियोगिताओं में 950 प्रतियोगियों ने भाग लिया और 20,000 से अधिक दर्शक पहुंचे।
- पक्षपोषण: कौशल प्रतियोगिताओं के बहुत से परिणाम निकले जैसे कि प्रतिभा की पहचान करके जागरूकता और आकांक्षा उत्पन्न करने के जरिए पक्षपोषण। ‘’अब कौशल की बारी’’ के माध्यम से भारत कौशल अपने सामाजिक संचार के जरिए 2 करोड़ से अधिक लोगों तक पहुंचा जिसका राज्यों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा। विश्व कौशल भारत को इंडिया कंटेंट लीडरशिप अवार्ड में स्वर्ण पदक प्राप्त हुआ, जो भारत में डिजिटल विपणन के लिए अत्यंत प्रतिष्ठित पुरस्कार है। इसके अलावा एमएसडीई ने राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को अनुमोदित वित्त पोषण का न्यूनतम 5 प्रतिशत पक्षपोषण और प्रचार पर खर्च करने का निदेश दिया है क्योंकि देश में कौशल प्रतियोगिताओं के बारे में जागरूकता स्तर बहुत निम्न हैं।
- राष्ट्रीय प्रतियोगिता ‘’भारत कौशल 2018’’: एमएसडीई द्वारा राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के सहयोग से नई दिल्ली में 2 से 6 अक्तूबर के बीच राष्ट्रीय कौशल प्रतियोगिता-भारत कौशल 2018 का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया जिसमें विशेषज्ञों और निर्णायक मंडल के सदस्यों के समक्ष 27 राज्यों के 400 प्रतियोगियों ने 46 कौशलों, 7 परम्परागत कौशलों और 4 डेमो कौशलों का प्रदर्शन किया। विभिन्न कौशल श्रेणियों में कुल 164 विजेताओं (45 स्वर्ण, 47 रजत और 43 कांस्य पदक) को पदक से सम्मानित किया गया। पदक तालिका में 23 पदक के साथ महाराष्ट्र शीर्ष पर रहा उसके बाद ओडिशा का नंबर था जिसके 21 विजेता थे। कर्नाटक और दिल्ली 16-16 पदको के साथ तीसरे स्थान पर रहे जबकि चंडीगढ़ 12 पदको के साथ पांचवें स्थान पर रहा। भारत कौशल के विजेताओं को और उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा जिसके पश्चात 2019 में कजान, रूस में होने वाली 45वीं विश्व कौशल प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए उनका चयन किया जाएगा। इस समारोह में राज्य कौशल मंत्रियों का सम्मेलन, निगमित गोलमेज सम्मेलन, संगोष्ठियां, विभिन्न मंत्रालयों की कौशल पहलों की प्रदर्शनी, परामर्श सत्र आदि का भी आयोजन किया गया।
- अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी और प्रशिक्षण: प्रशिक्षण अनुसूची के भाग के रूप में भारत कौशल 2018 के राष्ट्रीय विजेताओं ने अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञता हासिल करने के लिए निम्नलिखित प्रतियोगिताओं में भाग लिया और देश को गौरवांवित किया:
- यूरो कौशल 2018, बूडापेस्ट, हंग्री
- विश्व कौशल हाईटेक, येकाटेरिनवर्ग, रूस
- विश्व कौशल एशिया, आबू धाबी, यूएई
- विश्व कौशल फ्रांस राष्ट्रीय प्रतियोगिता, साइन, फ्रांस
- विश्व कौशल प्रशिक्षण और प्रतियोगिता, ब्राजील