I. प्रस्तावना
कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) अपने अंतर्राष्ट्रीय सहयोग प्रभाग, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी), प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) और अन्य कार्यान्वयन संगठनों के माध्यम से विदेश मंत्रालय (एमईए) के समन्वय से कौशल अर्हताओं के सामंजस्य, प्रमाणपत्रों की पारस्परिक अधिमान्यता, प्रशिक्षण प्रदाताओं की मान्यता आदि के माध्यम से विदेशों में एक कुशल भारतीय कार्यबल की आपूर्ति को सुगम बनाने के लिए काम करता है।
II. कौशल विकास पर द्विपक्षीय संबद्धता और सहयोग
क) सरकार से सरकार (जी2जी) समझौता ज्ञापन
एमएसडीई ने कौशल विकास और व्यावसायिक शिक्षा प्रशिक्षण के क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया, बेलारूस, चीन, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, जापान, कतर, स्विट्जरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और यूनाइटेड किंगडम (यूके) जैसे देशों के साथ 11 जी2जी समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं। हालाँकि, बेलारूस, चीन और स्विटज़रलैंड के साथ समझौता ज्ञापन कालातीत हो चुके हैं।
ख) बिजनेस टू बिजनेस (बी2बी) समझौता ज्ञापन :
एमएसडीई के तत्वावधान में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) बी2बी समझौता ज्ञापनों का संचालन करता है जो कई देशों के लिए भर्ती, प्रवासन और प्रशिक्षण सेवाओं की सुविधा भी देता है। वर्तमान में, एनएसडीसी ने जापान, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, संयुक्त अरब अमीरात, मलेशिया, कनाडा, सऊदी अरब सल्तनत (केएसए) आदि जैसे देशों के साथ निम्न पहलुओं पर 18 बी2बी समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं:
- • हॉस्पिटैलिटी और एमईपी (मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और प्लंबिंग) जॉब रोल्स में जीसीसी देशों में कुशल और प्रमाणित भारतीय कामगारों की गतिशीलता।
- • ट्रक ड्राइवर, ड्रिल फिटर, शेफ, मशीनिस्ट आदि जैसे जॉब रोल्स में ऑस्ट्रेलिया में भारतीय श्रमिकों की गतिशीलता।
- • कनाडा के रोजगार बाजार का अन्वेषण करना और कनाडा में कुशल और प्रमाणित भारतीय नागरिकों को बढ़ावा देने के लिए मेगा रोड शो आयोजित करना, आदि।
III. देश विशिष्ट जुड़ाव
ऑस्ट्रेलिया
क) एनएसडीसी और वीईटी एएसएसईएसएस के बीच करार: इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य विभिन्न ऑस्ट्रेलियाई उद्योग श्रम समझौतों के तहत भारत से कुशल कार्यबल के प्रवासन के अवसरों के संचालन में सहयोग करना है। ऑस्ट्रेलिया के हॉर्टिकल्चर इंडस्ट्री लेबर एग्रीमेंट के तहत चिह्नित जॉब रोल्स (सिंचाई विशेषज्ञ, प्रोडक्शन हॉर्टिकल्चर सुपरवाइजर, प्रोडक्शन हॉर्टिकल्चरिस्ट, मशीनरी मैनेजर और मोबाइल प्लांट ऑपरेटर) के लिए एक प्रायोगिक परियोजना शुरू की जाएगी।
ख) एनएसडीसीआई और पेर्डमैन ग्लोबल सर्विसेज (पीजीएस) के बीच करार: इस समझौते का उद्देश्य "ऑस्ट्रेलिया में कुशल और प्रमाणित “भारतीय नागरिकों की अंतर्राष्ट्रीय कार्यबल” गतिशीलता (आईडब्ल्यूएम) को बढ़ावा देने के लिए एक अनुकूल मंच प्रदान करना है। जून 2022 में एक प्रयोग के रूप में 100 नंबर (ड्रिल फिटर 5, एचडी फिटर 54, शेफ 6, एमसी ट्रक ड्राइवर 25, मशीनिस्ट 10) का एक अधिदेश, इसके अलावा, पीजीएस ने विभिन्न क्षेत्रों में 620 नंबर की मांग अनुमान और 80 नंबर के लाइव अधिदेश को साझा किया है। हाल ही में, एनएसडीसीआई और पीजीएस के बीच साझेदारी को पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के माननीय प्रीमियर और एमएसडीई और एनएसडीसीआई के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में आधिकारिक तौर पर 28 अक्तूबर, 2022 को शुरू किया गया था। इस शुरुआत के साथ, प्रतिनिधिमंडल ने पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के माननीय प्रीमियर के साथ चर्चा में भी भाग लिया। प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य एनएसडीसीआई को कौशल और शिक्षा के लिए सक्षम इकोसिस्टम के निर्माण के साथ-साथ भारत से ऑस्ट्रेलिया में कुशल और प्रमाणित कार्यबल को काम पर रखने के लिए एक पसंदीदा भागीदार के रूप में स्थापित करना था।
जर्मनी
भारत के माननीय प्रधान मंत्री और जर्मन चांसलर मार्केल ने व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण (वीईटी) पर द्विपक्षीय सहयोग के लिए नवंबर, 2014 में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) को प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) के दो कार्यक्षेत्रों के अंतरण के परिणामस्वरूप, कौशल विकास और व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण के क्षेत्र में सहयोग के लिए एमएसडीई और संघीय शिक्षा और अनुसंधान मंत्रालय (बीएमबीएफ) और संघीय आर्थिक सहयोग और विकास मंत्रालय (बीएमजेड)के बीच 5 अक्तूबर, 2015 को एक नए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
इस समझौता ज्ञापन की समाप्ति पर, एमएसडीई और बीएमबीएफ और बीएमजेड के बीच संयुक्त आशय की घोषणा (जेडीओआई) के रूप में इस समझौता ज्ञापन के नए संस्करण जो 31 अक्तूबर 2023 तक मान्य था, पर 1 नवंबर 2019 को नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए गए। यह जेडीओआई कौशल विकास और वीईटी, दोहरी शिक्षुता और कार्यस्थल-आधारित कौशल विकास, योग्यता आधारित पाठ्यक्रम सहित क्षमता-निर्माण, वीईटी क्लस्टर प्रबंधकों का प्रशिक्षण, नवीकरणीय ऊर्जा, ई-गतिशीलता, ऊर्जा दक्षता आदि के क्षेत्र में सहयोग पर ध्यान केंद्रित करता है।
जर्मनी के साथ वर्तमान संबद्धता : बीएमजेड/बीएमबीएफ/जीआईजेड समझौतों के साथ हस्ताक्षरित विभिन्न करारों के तहत परियोजनाओं का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है:
1. इंडो जर्मन वोकेशनल एजुकेशन ट्रेनिंग (आईजीवीईटी II) - परियोजना का समग्र उद्देश्य भारत में सहकारी व्यावसायिक प्रशिक्षण में सुधार करने के लिए अनुकूल परिस्थितियों के निमार्ण हेतु सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के सभी हितधारकों को एक साथ लाना है।
2. बीएमबीएफ परियोजना: सिनैड- बीएमबीएफ ने उत्तरी भारत में औद्योगिक समूहों में दोहरे वीईटी के कंपनी मॉडल को मजबूत करने के लिए बॉटम-अप एप्रोच (सिनैड) के माध्यम से एक पूरक परियोजना को वित्तपोषित किया है। परियोजना का उद्देश्य दोहरे व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए एक कॉर्पोरेट खाका विकसित करना है जिसे बाद में अन्य क्लस्टरों में अमल में लाया जा सकता है।
3. इग्नाइट (इंडो-जर्मन इनिशिएटिव फॉर टेक्निकल एजुकेशन) प्रोजेक्ट - यह कौशल विकास परियोजना जीआईजेड और सीमेंस इंडिया द्वारा एमएसडीई के तत्वावधान में डीजीटी के समन्वय से चलायी जाती है। यह कार्यक्रम चयनित आईटीआई में 5 चयनित ट्रेडों- इलेक्ट्रॉनिक्स मैकेनिक, फिटर, टर्नर और मशीनिस्ट में सहयोग प्रदान करता है। यह कार्यक्रम मिश्रित-ऑनलाइन मोड में निम्नलिखित प्रशिक्षण प्रदान करके आईटीआई इकोसिस्टम की क्षमता को सुदृढ़ करने पर केंद्रित है।
4. बीएमबीएफ प्रोजेक्ट क्वालइंडिया - बीएमबीएफ औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों और पॉलिटेक्निक कॉलेजों पर ध्यान देने के साथ 'क्वालइंडिया- भारतीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थानों में गुणवत्ता विश्लेषण' नामक एक शोध परियोजना को वित्तपोषित कर रहा है। परियोजना का मूल उद्देश्य एक मांग-उन्मुख गुणवत्ता मॉडल विकसित करना और प्रदान करना है जो स्पष्ट रूप से भारतीय संदर्भ में अनुकूलित है और जो व्यवहार में संचालित और परीक्षण किया जाएगा। परियोजना का मुख्य लक्ष्य दो प्रायोगिक क्षेत्रों (दिल्ली और बैंगलोर) में आईटीआई और पॉलिटेक्निक कॉलेजों पर ध्यान देने के साथ राष्ट्रीय संदर्भ के अनुकूल एक मांग-उन्मुख गुणवत्ता मॉडल विकसित करना है। यह परियोजना चार भारतीय विश्वविद्यालयों (आईआईएमबी, जेएनयू, एनआईईपीए; इग्नू) के सहयोग से संचालित की जाती है।
5. आईमूव और जर्मन प्रशिक्षण प्रदाताओं की गतिविधियां- जर्मनी में नया कुशल आप्रवासन अधिनियम (मार्च 2020) व्यावसायिक योग्यता वाले कुशल लोगों और जर्मनी में अप्रेंटिसशिप की खोज कर रहे युवाओं पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है। जर्मन प्रशिक्षण प्रदाता तैयारी और ब्रिजिंग कोर्स (जैसे परिवहन और रसद, आतिथ्य और पर्यटन, कृषि और शिल्प) की पेशकश कर रहे हैं।
जापान
क) जापान के साथ तकनीकी इंटर्न प्रशिक्षण कार्यक्रम (टीआईटीपी)।
टीआईटीपी पहली बार 1993 में जापान में शुरू हुआ, जिसका उद्देश्य विकासशील देशों के युवा और मध्यम आयु-वर्ग के युवाओं को पेशेवर कौशल अंतरित करने के उद्देश्य से अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है। कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) और न्याय मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और स्वास्थ्य, श्रम और कल्याण मंत्रालय, जापान (जापान मंत्रालय) के बीच हस्ताक्षरित सहयोग ज्ञापन (एमओसी) के अनुसार भारत में टीआईटीपी को आधिकारिक तौर पर अक्तूबर 2017 से शुरू किया गया था। इस परियोजना के तहत, एमएसडीई द्वारा एनएसडीसी को भारत में टीआईटीपी निष्पादन की निगरानी और निरीक्षण करने के लिए "निगरानी एजेंसी" के रूप में नामित किया गया है।
विनिर्माण, स्वास्थ्य सेवा, निर्माण, कपड़ा, कृषि और खाद्य निर्माण सहित विविध क्षेत्रों में एनएसडीसी द्वारा सूचीबद्ध संगठनों (एसओ) के माध्यम से कुल 424 तकनीकी इंटर्न जापान भेजे गए हैं। इसके अलावा, अतिरिक्त 738 उम्मीदवारों को वर्तमान में टीआईटीपी के तहत जापान भेजे जाने के लिए भारतीय प्रेषक संगठनों द्वारा प्रशिक्षित किया जा रहा है।
टीआईटीपी चित्र:

एमएसडीई और जापान सरकार ने टीआईटीपी के तहत भारतीय युवाओं की भागीदारी की अनुमति देने के लिए अक्तूबर 2017 में जापान में एक सहयोग ज्ञापन (एमओसी) पर हस्ताक्षर किए।

भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री श्री शिंजो आबे ने जीआरए, इंक (कार्यान्वयन संगठन) के सीईओ से मुलाकात की, जहां लोहिया कॉर्प लिमिटेड द्वारा प्रशिक्षित उम्मीदवार जापान में प्रशिक्षण ले रहे हैं। दोनों प्रधानमंत्री भारतीय प्रशिक्षुओं द्वारा उगाई जाने वाली स्ट्रॉबेरी का प्रदर्शन करते हुए।

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा निहोन टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड की सह-व्यवस्था में अप्रैल 2018 में प्रशिक्षित 15 उम्मीदवारों का पहला बैच।

पर्यवेक्षक संगठन और नाविस निहॉनगो द्वारा भारत से आए इंटर्न का जापान में स्वागत किया गया।
ख) जापान के साथ निर्दिष्ट कुशल श्रमिक (एसएसडब्ल्यू)
भारत और जापान के बीच निर्दिष्ट कुशल श्रमिकों से संबंधित प्रणाली के उचित संचालन हेतु साझेदारी के लिए एक बुनियादी ढांचे पर 2021 में हस्ताक्षर किए गए थे। जापान में श्रम की कमी को दूर करने के लिए जापान में एसएसडब्ल्यू नामक एक नई नागरिक स्थिति आरंभ की गई थी। इसमें 12 क्षेत्र शामिल हैं जिसके तहत भारत के कुशल श्रमिक जो कौशल आवश्यकताओं को पूरा करते हैं और जापानी भाषा की परीक्षा उत्तीर्ण करते हैं, वे जापान में रोजगार के लिए पात्र होंगे।
अपने टीआईटीपी कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद कुल 20 तकनीकी इंटर्न एसएसडब्ल्यू में परिवर्तित हो गए हैं। जिनमें से 16 विनिर्माण में, 2 नर्सिंग देखभाल में और 2 एग्रीकल्चर में हैं। वर्तमान में, भारत में नर्सिंग देखभाल और कृषि क्षेत्रों के लिए एसएसडब्ल्यू परीक्षण शुरू किए गए हैं।
खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) देश
क) अमीरात जॉब्स एंड स्किल्स (टीईजेएएस) के लिए प्रशिक्षण: खाड़ी सहयोग परिषद देशों में भारतीय श्रमिकों को प्रशिक्षित, प्रमाणित और नियोजित करने के लिए एनएसडीसीआई ने 2022 में तेजस कार्यक्रम शुरू किया। तेजस कार्यक्रम के तहत अभ्यर्थी उपलब्ध कराने के लिए, स्किल इंडिया इंटरनेशनल मेंबर (एसII) कार्य कर रहे हैं। आज तक, जीसीसी देशों से 7 क्षेत्रों में लगभग 3,484 मांग की पुष्टि की गई है। अब तक, 10 से अधिक भर्ती अभियान चलाए गए हैं। कुल 73 अभ्यर्थियों की तैनाती के साथ कुल 320 ऑफर लेटर जारी किए गए हैं।
ख) किंगडम ऑफ सऊदी अरब (केएसए): एनएसडीसीआई ने केएसए के कौशल सत्यापन कार्यक्रम (एसवीपी) का समर्थन करने के लिए ताकामोल होल्डिंग के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जिसका उद्देश्य यह सत्यापित करना है कि पेशेवर कर्मचारियों के पास उन व्यवसायों को करने के लिए आवश्यक योग्यताएं और कौशल हैं जिनमें वे काम करते हैं। 17 व्यवसायों में से 5 अर्थात इलेक्ट्रीशियन, प्लम्बर, इलेक्ट्रिकल ऑटोमोटिव, मैकेनिकल ऑटोमोटिव और एचवीएसी व्यवसायों की बेंचमार्किंग कार्य किया गया है।
ग) वाराणसी में स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर: एनएसडीसीआई ने मौजूदा एमएससी (मल्टी स्किल सेंटर) को एसआईआईसी (स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर) में अपडेट करने के लिए डीपी वर्ल्ड, यूएई के साथ भागीदारी की है, जिसमें वाराणसी में परिकल्पित वैश्विक स्तर की अत्याधुनिक लैब की स्थापना भी शामिल है। उत्तर प्रदेश सरकार ने वाराणसी के आईटीआई करौंदी में इस स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर को संचालित करने के लिए एनएसडीसी को अधिकृत किया है। ई-कॉमर्स डिलीवरी पर्सन (बाइक राइडर) एचवीएसी तकनीशियन, तकनीकी इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर और रिटेल सेल्स एसोसिएट जैसे जॉब रोल्स में प्रशिक्षण के लिए केंद्र की वार्षिक क्षमता 4,500 उम्मीदवारों की है। इस केंद्र की परिकल्पना कौशल उन्नयन, वीजा सहायता, अंग्रेजी और विदेशी भाषा प्रशिक्षण के लिए वन स्टॉप प्लेस के रूप में भी की गई है।
घ) राष्ट्रीय अर्हता प्राधिकरण, संयुक्त अरब अमीरात सरकार और एमएसडीई के बीच समझौता ज्ञापन: एमएसडीई ने 2016 में कौशल विकास बढ़ाने और अर्हताओं की पारस्परिक मान्यता के लिए राष्ट्रीय अर्हता प्राधिकरण (एनक्यूए), संयुक्त अरब अमीरात सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। आगे की चर्चा के आधार पर दोनों मंत्रालय स्किल हार्मोनाइज्ड फ्रेमवर्क के तहत पांच चरणों वाली प्रक्रिया पर सहमत हुए। इसके अलावा, एनएसडीसी ने एमओएचआरई, और अबू धाबी गुणवत्ता और अनुरूपता परिषद (एडीक्यूसीसी) के साथ अर्हताओं, मूल्यांकन और प्रमाणन के बेंचमार्क के लिए काम किया - 13 यूएई अर्हताओं को 15 भारतीय अर्हता पैक के साथ बेंचमार्क किया गया।
यूएई के साथ सहयोग:
भारतीय कार्यबल को अंतर्राष्ट्रीय अवसर प्रदान करने के क्रम में, एनएसडीसी यूएई में प्रासंगिक हितधारकों के साथ सक्रिय रूप से काम कर रहा है।
क. राष्ट्रीय अर्हता प्राधिकरण, संयुक्त अरब अमीरात सरकार और एमएसडीई के बीच अर्हताओं की बेंचमार्किंग, आकलन और प्रमाणन के लिए समझौता ज्ञापन किया गया जिससे भारत से कुशल प्रमाणित श्रमिकों को काम पर रखने के लिए यूएई सरकार द्वारा प्रोत्साहन मिलेगा। 13 यूएई कौशल अर्हताओं से 15 भारतीय अर्हताओं की बेंचमार्किंग का पहला चरण पूरा हुआ।

ख. एनएसडीसी ने भारत से कुशल प्रमाणित श्रमिकों को काम पर रखने के लिए नियोक्ताओं के साथ संपर्क स्थापित करने पर ध्यान देने के साथ कौशलीकरण प्रयासों की जानकारी देने के लिए दुबई में 30-31 अक्तूबर को भारत-यूएई साझेदारी शिखर सम्मेलन में भाग लिया। अंतत:, संयुक्त अरब अमीरात में आकलन और प्रमाणन प्रदान करने के लिए तकनीकी सहयोग के मॉडल को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

ग. भारत से कुशल चालकों के प्रवास को बढ़ावा देने के लिए भारत में अंतर्राष्ट्रीय चालक प्रशिक्षण संस्थान (डीटीआई) स्थापित करने के लिए अप्रैल 2019 में एनएसडीसी, अमीरात ड्राइविंग इंस्टीट्यूट (ईडीआई) और यूथ चैंबर ऑफ कॉमर्स (वाईसीसी) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
सिंगापुर से संबद्धता
क. 31 मई 2018 को टेमासेक फाउंडेशन इंटरनेशनल और सिंगापुर पॉलिटेक्निक के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। टेमासेक फाउंडेशन इंटरनेशनल (टीएफआई) से अनुदान के सहयोग से सिंगापुर पॉलिटेक्निक (एसपी) एनएसडीसी के साथ सहयोग कर रहा है ताकि समूचे भारत में अल्पावधि कौशल से संबंधित प्रशिक्षकों और आकलनकर्ताओं के प्रशिक्षण कार्यक्रम को सुदृढ़ किया जा सके और आकलन अकादमियों के प्रदर्शन की निगरानी के लिए गुणवत्ता आश्वासन ढांचा विकसित किया जा सके।
सिंगापुर पॉलिटेक्निक और टेमासेक फाउंडेशन इंटरनेशनल के साथ क्षमता-निर्माण कार्यशाला

घटक 1: सिंगापुर का अध्ययन दौरा

घटक 4: नई दिल्ली में कार्यशाला

कार्यशाला का आयोजन, सिंगापुर
ख. बिग डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों में भारत के कार्यबल को पर्याप्त रूप से कुशल बनाने में सहयोग करने के लिए मई 2018 में एनएसडीसी और नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के इंस्टीट्यूट ऑफ सिस्टम साइंसेज (एनयूएस-आईएसएस) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
ग. सिंगापुर की कंपनियों को भारत के कौशल विकास इकोसिस्टम में निवेशकों और भागीदारों के साथ जुड़ने का अवसर प्रदान करने के लिए एनएसडीसी और एंटरप्राइज सिंगापुर के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
घ. उन्नत कौशलीकरण के लिए उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना के लिए फरवरी 2019 में एनएसडीसी, टेरा ओरिएंट स्किल्स एकेडमी प्राइवेट लिमिटेड और सिंगापुर पॉलिटेक्निक के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण पहले ही शुरू हो चुका है जिन्हें उत्कृष्टता केद्रों में तैनात किया जाएगा।
ङ. सिंगापुर के शिक्षा मंत्री श्री ओंग ये कुंग के नेतृत्व में सिंगापुर के एक प्रतिनिधिमंडल ने 6 से 7 जून 2019 तक नई दिल्ली का दौरा किया। कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) द्वारा सिंगापुर के प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत करने के लिए 6 जून 2019 को एक मंत्री स्तर की बैठक आयोजित की गई थी। यात्रा का उद्देश्य भारत में कौशल इकोसिस्टम तंत्र को समझना था और यह देखना था कि सिंगापुर भारतीय कौशल हितधारकों को भागीदार बनाने के अवसर कैसे प्राप्त कर सकता है। एमएसडीई के प्रमुख अधिकारी, विदेश मंत्रालय, एनएसडीसी और एसएससी प्रमुख उपस्थित थे।

माननीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री, भारत सरकार और माननीय शिक्षा मंत्री, सिंगापुर सरकार के बीच बैठक

इंडिया हैबीटेट सेंटर, नई दिल्ली में शिक्षा मंत्री, सिंगापुर के नेतृत्व में सिंगापुर प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक
कौशल क्षेत्र में सहयोग के लिए माननीय राज्य मंत्री, कौशल विकास और उद्यमशीलता और माननीय राज्य मंत्री, व्यापार और उद्योग मंत्रालय (एमटीआई) और संस्कृति, समुदाय और युवा मंत्रालय (एमसीएसीवाई) सिंगापुर के बीच 22 फरवरी, 2022 को एक मंत्रिस्तरीय बैठक आयोजित की गई।
अन्य सहभागिताएं
आउटरीच कार्यकलापों का संचालन करके, विभिन्न देशों में कौशल की जरूरतों को समझकर, भारतीय युवाओं को लाभान्वित करने के लिए पीआईओसीसीआई सदस्य के माध्यम से आगे की साझेदारी स्थापित करके और विदेशों में लाभकारी जॉब के अवसरों की पहचान करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय कौशल प्रयासों को सुदृढ़ करने हेतु पीपॅल ऑफ इंडियन ओरिजिन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीआईओसीसीआई) के साथ समझौता ज्ञापन किया गया।
यूनेस्को-यूएनईवीओसी के साथ सहभागिता

यूनेस्को-यूएनईवीओसी केंद्र का शुभारंभ
जून 2018 में यूनेवॉक नेटवर्क के नए सदस्य के रूप में एनएसडीसी की स्वीकृति के बाद, एनएसडीसी-यूनेवॉक केंद्र को आधिकारिक तौर पर 7 मार्च 2019 को शुरू किया गया था। सुश्री जूथिका पाटनकर, अपर सचिव, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय, अंतर्राष्ट्रीय टीवीईटी व्यवसायियों और अन्य विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति में यूनेस्को-यूनेवॉक प्रमुख श्री श्यामल मजुमदार ने एनएसडीसी को आधिकारिक रूप से यूएनईवीओसी केंद्र के रूप में मान्यता प्रदान करते हुए एनएसडीसी के प्रबंध निदेशक और सीईओ डा. मनीष कुमार को यूनेवॉक बैज प्रदान किया।
इंटरनेशनल ग्रीनिंग टीवीईटी वर्कशॉप
नई दिल्ली में 4 से 8 मार्च 2019 तक एनएसडीसी और यूनेस्को-यूनेवॉक द्वारा संयुक्त रूप से जॉब रोल्स और पाठ्यचर्या की ग्रीनिंग पर 5 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया था। कार्यशाला ने व्यावसायिक मानकों में स्थिरता और हरित अवधारणाओं को एकीकृत करने के लिए नीति और प्रशिक्षण की जरूरतों का समाधान करने का प्रयास किया और व्यावसायिक मानकों से पाठ्यचर्या योजना और डिजाइन के प्रभावी कदम की समझ को बढ़ावा दिया।

ग्रीनिंग टीवीईटी कार्यशाला प्रतिभागी

ग्रीनिंग टीवीईटी कार्यशाला

यूनेस्को-यूनेवॉक केंद्र के शुभारंभ पर यूनेस्को-यूनेवॉक के प्रमुख और आईएलओ, निदेशक, भारत के साथ ग्रीनिंग टीवीईटी कार्यशाला के प्रतिभागी
फिनलैंड
क. 23 जनवरी, 2019 को एनएसडीसी और ईडीयूएफआई (राष्ट्रीय विकास एजेंसी) के बीच व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण क्षेत्र के भीतर ज्ञान विनिमय, नए नवाचारों और दोनों पक्षों के कनेक्टिंग प्रदाताओं के प्रचार और सुविधा के माध्यम से टीवीईटी को सुदृढ़ करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
ख. क्षमता-निर्माण कार्यशालाओं, उद्यमिता मॉड्यूल के विकास, श्रम गतिशीलता के लिए संयुक्त प्रमाणन पाठ्यक्रम आदि के लिए एनएसडीसी और ओम्निया (शिक्षा, प्रशिक्षण और विकास सहयोग में उत्कृष्ट विशेषज्ञता वाले चार फिनिश संगठनों की अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक शाखा) के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

फिनलैंड और एस्टोनिया में भारत के राजदूत के साथ एनएसडीसी के एमडी और सीईओ श्री मनीष कुमार के नेतृत्व में भारत का एक प्रतिनिधिमंडल।
अन्य ज्ञान-विनिमय/क्षमता निर्माण कार्यशालाएँ
नीचे दी गई पहलों के अलावा, एनएसडीसी ने भारतीय कौशल अनुभव से सीखने के इच्छुक कई देशों जैसे कि मोरक्को, अफगानिस्तान, पीएएसईटी देशों, जमैका, श्रीलंका, चीन, रवांडा, नाइजीरिया, केन्या आदि की मेजबानी की है।

स्वीडन
माननीय सचिव डॉ. के.पी. कृष्णन के प्रतिनिधित्व में कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के एक प्रतिनिधिमंडल ने नवंबर 2018 में अपनी यात्रा के दौरान स्टॉकहोम में जी2जी और बी2बी चर्चाएं की।

मालदीव
माननीय श्री अखिलेश मिश्रा, मालदीव में भारत के राजदूत के साथ एनएसडीसी के अधिकारियों ने मालदीव की टीवीईटी प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों जैसे विनिमय अध्ययन दौरे, क्षमता-निर्माण, पाठ्यक्रम विकास, संयुक्त पाठ्यक्रम/प्रमाणन आदि, जिनमें भारत सहायता सेवाएं प्रदान कर सकता है, पर चर्चा की।

जॉर्डन और लेबनान
माननीय सचिव डॉ. के.पी. कृष्णन के नेतृत्व में कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के एक प्रतिनिधिमंडल ने 19-26 मार्च 2019 तक ज्ञान साझेदारी का पता लगाने के लिए मध्य पूर्व में दो देशों - जॉर्डन और लेबनान का दौरा किया।
(जॉर्डन के माननीय प्रधान मंत्री, श्री उमर अल-रज़ाज़ के साथ बैठक)
वर्चुअल ग्लोबल स्किल समिट:
कुशल कार्यबल की विदेशी गतिशीलता की सुविधा के लिए, विदेश मंत्रालय (एमईए), वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय (एमओसीआई), शिक्षा मंत्रालय (एमओई) और कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) ने शिखर सम्मेलन (वीजीएसएस) 15 नवंबर 2022 को दस देशों के भारत मिशनों का प्रतिनिधित्व करने वाले भारतीय राजदूतों/उच्चायोग के साथ संयुक्त रूप से पहली वर्चुअल ग्लोबल स्किल का आयोजन किया। शिखर सम्मेलन का उद्देश्य देशों की कौशल आवश्यकताओं और भारत में कौशल उपलब्धता पर सूचना के आदान-प्रदान के लिए एक मजबूत तंत्र को संस्थागत बनाना है।
श्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री और श्री पीयूष गोयल, केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री ने शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता की।
श्री राजीव चंद्रशेखर, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), भारत सरकार के राज्य मंत्री ने शिखर सम्मेलन की शोभा बढ़ाई, डॉ राजकुमार रंजन सिंह, शिक्षा और विदेश राज्य मंत्री और श्री वी मुरलीधरन, विदेश संसदीय कार्य राज्य मंत्री ने भी शिखर सम्मेलन की शोभा बढ़ाई।
