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माननीय मंत्री का प्रोफाइल

धर्मेन्द्र प्रधान भारत सरकार में शिक्षा तथा कौशल विकास और उद्यमशीलता कैबिनेट मंत्री हैं। सांसद के रूप में, श्री प्रधान राज्यसभा में मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हैं और इससे पूर्व वे 14वीं लोकसभा के सदस्य थे। 26 जून, 1969 को जन्मे, वे ओडिशा के तालचेर शहर से हैं।

भारत के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री के रूप में, श्री प्रधान को अनेक प्रगतिशील सुधारों और पहलों का श्रेय दिया जाता है, जिसमें पहल, जो विश्व की सबसे बड़ी उपभोक्ता प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण स्कीम और #गिवइटअप अभियान जिसे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा उत्साहपूर्वक समर्थन दिया गया था, पहलें शामिल हैं। अभियान ने संपन्न नागरिकों से जरूरतमंदों के लिए अपनी एलपीजी सब्सिडी छोड़ने का आग्रह किया- इसे लगभग 10 मिलियन उपभोक्ताओं से सफल प्रतिक्रिया मिली। तरल पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) के स्वच्छ ईंधन के साथ ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने के प्रयास में, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना शुरू की गई थी, जिसके तहत गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) जीवनयापन कर रहे परिवारों की महिलाओं को 80 मिलियन से अधिक एलपीजी कनेक्शन प्रदान किए गए हैं।

मंत्री प्रधान ने हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में कुछ अहम निर्णय लिए। केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा समर्थित, वे एक नई हाइड्रोकार्बन खोज और लाइसेंसिंग नीति (हेल्प) लाए, जो क्षेत्र में पर्याप्त निवेश और बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा करने के साथ-साथ हाइड्रोकार्बन के सभी रूपों की खोज और उत्पादन के लिए एकसमान लाइसेंसिंग के माध्यम से, खुली रकबा नीति एवं विपणन और मूल्य निर्धारण स्वतंत्रता भी घरेलू तेल और गैस उत्पादन को बढ़ाती है।

मंत्री प्रधान ने देश के एनर्जी ट्रांजिशन प्रयासों में सहायता के लिए अनेक सुधार और पहलें भी की हैं, जिसमें सेतू ईंधन, इथेनॉल, सीबीजी और बायोडीजल के रूप में गैस को बढ़ावा देना, एसएटीएटी स्कीम को लागू करना, परिवहन ईंधन तथा रिफाइनरियों के लिए औद्योगिकी के रूप में उपयोग के लिए दिल्ली शहर में चलने वाली हाइड्रोजन-मिश्रित सीएनजी बसों को बढ़ावा देना शामिल है। अन्य पहलों में लंबी दूरी के ट्रकों के लिए तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) स्टेशनों को बढ़ावा देना।

कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री (2017-19) के रूप में अपने पिछले कार्यकाल में, श्री प्रधान ने भारत की जनशक्ति को कौशल, पुन: कौशल और कौशल उन्नयन पर ध्यान केंद्रित करते हुए अनेक प्रमुख पहलें शुरू कीं और भारतीय युवाओं के लिए कौशल अंतर को पाटने पर बल दिया था।

उत्कल विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर से नृविज्ञान में स्नातकोत्तर, उन्होंने युवाओं से संबंधित अनेक मुद्दों पर सक्रिय रूप से काम किया है, जैसे कि बेरोजगारी, कौशल-आधारित शिक्षा की कमी, किसानों का पुनर्वास और उड़ीसा में युवाओं को संगठित करने में प्रमुख भूमिका निभाई है।

श्री प्रधान ने 1983 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) कार्यकर्ता के रूप में शुरुआत की थी और एबीवीपी में सचिव के रूप में कार्य किया। उन्होंने बिहार में चुनाव प्रभारी और कर्नाटक, उत्तराखंड, झारखंड और ओडिशा में पार्टी मामलों के प्रभारी के रूप में भी कार्य किया है।

समाज और पार्टी में उनके योगदान को स्वीकारते हुए, प्रधान को 'सर्वश्रेष्ठ विधायक पुरस्कार', उत्कलमणि गोपबंधु प्रतिभा सम्मान, 2002-03 और 2013 में ओडिशा नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

उन्होंने मृदुला प्रधान से शादी की है और उनके निशांत और नमाइशा दो बच्चे हैं।